यार जिदंगी भर कहानियाँ ही लिखता रहा तो मैं ही कहानी बन जाऊँगा | वो वादा ही क्या जिसे तोडा ना जाए | वैसे तो ये भी मैं त्रिवेणी स्टाइल में लिख सकता था| बहरहाल ... गुलज़ार का ही आविष्कार है शायद त्रिवेनियाँ , अगर नहीं तो माफ़ करना क्योंकि हिंदी व्याकरण का मेरा ज्ञान थोडा कम है | अमीर खुसरो के बाद किसी को है भी कहाँ | त्रिवेणी का गहन और गुप्त (गुप्त इसलिए क्यूंकि ऑफिस में किया ) अध्ययन करने के उपरांत मैं ये बात समझा हूँ कि दो पंक्तियों का तीसरी पंक्ति से रिश्ता नहीं होते हुए भी होता है | कोई और परिभाषा है तो मुझे मत बताना, आजकल संज्ञा सर्वनाम पे भी गाली मारते हैं लोग | तो कुछ त्रिवेनियाँ लिखने की कोशिश की हैं | पहले ही कह देता हूँ , कथाकार की तड़ी में रहता हूँ , इसलिए भाव से अधिक विषय प्रधान होगा |
- मेरे सीने में लगी है दुश्मन की एक गोली,
ये गिरा मैं इधर, जय हिंद कहते हुए,
बच्चों के साथ तुम भी बच्चे बन जाते हो |
- गिरा, फिर उठा, फिर से गिर गया,
आसमान को देख के फिर से हौसला लाया है ,
फिर भी बंटू रेस में सबसे आखिरी में आया है |
-आओ मंदिर मस्जिद खेलें, कुरआन-गीता बांचे हम,
आओ होली-ईद मनाएं , खुशियों के दिए जलाएं,
मगर आज सुबह से बाज़ार में कर्फ्यू लगा है |
-क्या दिया पापा ने हमें , बस छोड़ गए रंजिशें,
उनके जाने के बाद भी हम झगड़ते रहे जमीन को लेकर,
बापू की तस्वीर पे नया फ्रेम लगाना था यार |
-बात नहीं की पूरे दिन, जाने कहाँ गायब रहा .
सुबह सुबह सूरज ने मारा था उसे ,
चाँद ने रो रो के शबनम गिराए रात भर |
-कुछ सोचता ही नहीं , कुछ देखता भी नहीं.
फिर भी हर रोज़ एक नयी पोस्ट लिखता हूँ.
कीबोर्ड भी अजीब ज़ज्बाती होता है |
-आज फिर गलत इन्फोर्म किया उसने आशिक को ,
वो बेचारा दिन भर माशूक का वेट करता रहा ,
नया कव्वा है, नहीं जानता किस मुंडेर पे काँव-काँव करनी है |
2/10
ReplyDeleteबरखुदार आपने बुलाया हम आ गए.
यहाँ कई ब्लॉग पर कभी-कभार त्रिवेणी पढने को मिल जाती हैं.
त्रिवेणी के बारे में ज्यादा जानकारी मुझे भी नहीं है.
लेकिन आपकी त्रिवेणी जम नहीं रही.
बहुत ही कच्चापन नजर आ रहा है.
बाकी कोई एक्सपर्ट ही ज्यादा कुछ बता पायेगा.
apurn jee
ReplyDeleteकुछ सोचता ही नहीं , कुछ देखता भी नहीं.
फिर भी हर रोज़ एक नयी पोस्ट लिखता हूँ.
कीबोर्ड भी अजीब ज़ज्बाती होता है |
apan par bhi laagoo hoti hai ye triweni.
or haan,
ReplyDeleteSetting mein jaakar word verification hata dein.... comments dene mein prob. hoti hai.
"कुछ सोचता ही नहीं , कुछ देखता भी नहीं.
ReplyDeleteफिर भी हर रोज़ एक नयी पोस्ट लिखता हूँ.
कीबोर्ड भी अजीब ज़ज्बाती होता है|"
शुभकामनाएं
बहुत अच्छी पोस्ट,
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ|