Friday, March 18, 2011

मेरी गज़लें : १





इस बार तनहा नहीं आया हूँ |
दर्द मैं अपने साथ लाया हूँ |

जो मुझसे कुछ कहता ही नहीं,
मैं बेवकूफ उसे सब बता आया हूँ |

अपने अश्कों को जी भर निकालने दो,
मैं उसकी आँखों में जो समाया हूँ |

उतनी दूर दूर खुद को पाता हूँ,
जितने पास पास मैं तेरे आया हूँ |

प्यार करना चाहता हूँ तुझसे, 
जानता हूँ कि मैं ठुकराया हूँ |

 तुझसे तक नजर नहीं मिला रहा,
खुदसे इस क़दर शरमाया हूँ |


[पेंटिंग : लाना डेयाम की लेंडस्केप्स पेंटिंग्स की सीरीज़]